गीता संदेश - Gita Sandesh - Message of Gita
गीता सुगीता कर्तव्या
गीता सुगीता करने योग्य है, अर्थात श्रीगीताजी को भली प्रकार पढ़कर अर्थ और भावसहित अंतकरण में धारण कर लेना मुख्य कर्तव्य है, जों कि स्वयं पद्मनाभ विष्णु के मुखारविंद से निकली हुई है।
ये महर्षि वेदव्यास के उद्गार है। वास्तव में गीता के महत्व का वर्णन करने कि सामर्थ्य किसी में नही है। इस रहस्यमय धर्मग्रंथ में समस्त वेदों का सार निहित है। संपूर्ण विश्व के किसी धर्मं में, किसी भाषा में इतना सुंदर अध्यात्म विषयक कोई धर्मग्रंथ नहीं है। इसे पढ़कर ठीक ठीक सुंदर a
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