Wednesday, September 9, 2009

महर्षि वेदव्यास गुरुकुल __ आनंद धाम आश्रम, बक्करवाला मार्ग, नांगलोई, दिल्ली ४१

भारतीय संस्कृति के यग्न कुण्ड मै आप भी

Tuesday, September 8, 2009

Anthara Yatra





Anthara यात्रा - स्वयं की खोज

हा सब इंसान विपन्न नहीं, हव सम्पन्न है।

Monday, September 7, 2009

गीता भाग ३

गीता भाग ३ - Githa Part 3

Saturday, September 5, 2009

Vidhyarthi Prathiba Vikas By Pujya Sudhanshuji Maharaj

Vidhyarthi Prathiba Vikas By Pujya Sudhanshuji महाराज

विद्यार्थी प्रतिभा विकास, परम पूज्य सुधान्शुजी महाराज के सरल और सहज शैली में बताये गए विद्यार्थी जीवन के मुलभुत विकास आवश्यक सूत्रों का ये एक उपहार है। आपके बच्चों के पास जरुर होना चाहिए। कई सूत्रों को आप भी अपना सकते है, क्योंकि सीखना जिंदगी में कभी रुका नही है।



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धर्म क्या है - What is Religion


















धर्म क्या है - What is Religion

जिन गुणों को धान करने से मानवता पूजित होती है उन गुणों शास्त्रों मै धर्म कहा गया है। जिनसे न तो किसी को विरोध होता है और न ही भिन्नता व् धारणीय तत्व है। सत्य, धैर्य, क्षमा, दम, अस्तेय, विद्दा आदि जिनके कारण मानवता पूजित ही नहीं बल्कि जीवित भी रहती है। मानव जीवन में धर्म की क्या उपयोगिता है? इसके समाधान के लिए आईये परम पूज्य श्री सुधान्शुजीमहाराज की मुखारविंद से निकले हुए अमृतमयी वचनों को सुने और जीवन में धर्म को अपनाएं।

जीवन के प्रश्न - Questions of Life




जीवन के प्रश्न - Questions of Life

वह कोइँ है जो रंग - बिरंगी तितलियों के पंखों को रंगता है? कोई है जो चंद्रमा मै मुस्कराता है? किसका प्रकाश सूर्य के द्वारा संसार में आता है? मनुष्य किस दुनिया से आया है? और किस दुनिया में जाएगा? जीवन क्या है? ऐसे मनुष्य के मन में अनेको जिग्यनासा मनुष्य के स्वाभाविक क्रिया है। आएये इन सभी प्रश्नों के समाधान हेतु सुनें परमपूज्य सुधान्शुजी महाराज के ह्रुदयगुहा से निकले हुए अमृतमय संदेश को "जीवन के प्रशन" सी, डी द्वारा।

मंजिल की ओर - Towards the Aim


मंजिल की ओर - Towards the Aim

मनुष्य की आनंद्त यता अनवरत रूप से चली आ रही है और यात्रा तब तक जारी रहेगी जब तक उसको अपनी मंजिल नहीं मिल जाती। मंजिल क्या है? परमात्मा का द्वार अर्थात मोक्ष! मोक्ष ही यात्री का अन्तिम पड़ाव है। जीवन में मंजिल तक पहुचने के लिए मनुष्य को सदा चलते रहना चाहिए। इसलिए उपनिषद के क्र्रुशी ने उदघोशना की है की चरैवेति - चरैवेति वरन है विन्दते मधुम। जो चलते है वाही परमात्मा के आनंद को प्राप्त कर सकते है। साथ ही मनुष्य को हर रोज एक नई दिशा की नई उत्साह का, नए उल्लास की, आवश्यकता पड़ती है। हम अपनी मंजिल की और आगे कैसे पढ़ सकते है? आये! सुने परम पूज्य सुधान्शुजी महारजश्री पवित्र उदबोधन को।

शाश्वत धर्म - Long Lasing Religion


शाश्वत धर्म - Long Lasing Religion

शाष्वत धर्म वह है जो सदा से है और स्वाभाविक है जैसे सत्य, दम, तप, शौच संतोष आदि ये वो गुण है जिन्हें अपनाने से आत्मा निरंतर निर्मल होती जाती है। इनसे ही आत्मा में निखार आता है और व्यक्ति देवत्व धारण करता है। आएये शाश्वत धर्म क्या है? सुनें परम पूज्य सुधान्शुजी महाराज की ह्रुदयगुहा से निकले हुए अमृत संदेश को इस आडियो सी, डी, द्वारा अपने जीवन को धर्ममय करे।

परम सत्य को जानो - Understand the Ultimate Truth


परम सत्य को जानो - Understand the Ultimate Truth

सत्य वह है जो देशकाल परिस्थिति की सीमा मै बंधा हुआ न हो, जिसका स्वरुप सतचित और आनंद है उस परमात्मा तक पहुँचने के लिए अपने ग्रुदय का प्रक्षालन आवश्यक हीं नहीं बल्कि अत्यावश्यक है। क्योंकि वह सत्य स्वरुप परमात्मा शुद्ध ह्रदय मन्दिर में ही विराजमान होते है। आएये उस सर्वोत्कृष्ट परम सत्य को जानने के लिए सुनें परमपूज्य श्री सुधान्शुजी महाराज के ह्रुदयग्रुहा से निकले हुए अमृत उपदेश को।

भक्ति ज्ञान और घ्यान
















भक्ति
ज्ञान और घ्यान

भक्ति ज्ञान और ध्यान परम प्रिय परमात्मा के आनंद धाम तक पहुँचने के सरल सोपन है। जिसको सरल, सहज, प्रकार, अनुभूत पद्धति और धार्मिक ग्रंथो के साक्षिपुर्वक परम पूज्य सुधान्शुजी महाराज ने इस संबंध में कृपापूर्वक अमृतमय दिव्य उपदेश दिए है। जिनके मध्यम से हम अध्यात्मिक मार्ग के पथिक अपना मार्ग सहज ही खोज सकेंगे। परम पूज्य श्री सुधान्शुजी महाराज आज अपने अमृतमय वाणी के माध्यम से जन - जन को धार्मिक प्रासाद प्रदान कर रहे है। हजारों लाखों श्रध्दालु उनकी रस - माधुरी से तरंगित होकर साधना से परम धाम तक के उपाय जान चुके है।

प्रस्तुत सी, डी, आप श्रवण कर परम आनंद को प्राप्त करने की कोशिश करें।

गीताज्जली भाग १ -

गीताज्जली भाग १ -

१ नमस्कार भगवान तुम्हे

२ तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना

३ मेरा नाथ तू है

४ भगवान मेरी नैया उस पार लगा देना

५ तेरे नम का सिमरन करके

६ दाता तेरे सुमिरन का वरदान

७ हम सब मिलके आए दाता

८ मेरे दाता के दरबार में

सिमरन - Sing Prayers

















सिमरन - Sing Prayers

१ ॐ नमो नारायणा

२ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

३ ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

४ ॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय

सिमरन एक मन उसके नम में तल्लीन कराने की कला है। ये आपको अपने मन को जीवन के प्रशनों से हटाकर अपने आप में समाने में मदद करती है।


आए परम पूज्य श्री सुधान्शु जी से मुखरित इन मंत्रों के सहारे उस परम पिता परमेश्वर का ध्यान करे।

नमन - Pray
















नमन - Pray

१ जीवन की घडियां

२ हर देश में तू

३ तेरे करम से बेनियाजू

४ हे मेरे सदगुरु

५ शरण में आए

६ तुम मेरे जीवन के धन हो

७ सुबह को बचपन हसते देखा

परम पूज्य सुधांशु जी महाराज

जीवन सरिता - Flow of Life
















जीवन सरिता - Flow of Life

शान्स्त्रों में जीवन को अनेक उपमाए देकर कहा कि जीवन एक अवसर है, जीवन एक परीक्षक है, जीवन एक संघर्ष है, परन्तु यहाँ परमपूज्य सुधान्शु जी महाराज ने जीवन को ऐसी सरिता कहा है कि जहा आशा नाम सरिता (नदी) है, जिसमे मनोरथ रूपी जल भरा हुआ है। तुर्ष्ना कि तरंगे उठती है और जिसमे अनेको जिव जंतु रहते है।

ऐसी अध्यात्मिक एवम भंयंकर सरिता को कैसे पर करे और किसके सहारे पर करे? पार पहुचकर परम प्यारे प्रभु से कैसे मिले क्योंकि यह जीवन पुरा प्रभु को प्राप्त करने के लिए मिला है। ___ सुनें परम पूज्य श्री सुधान्शुजी महाराज से मुखरित हुए अमृत वचनों को जीवन सरिता सी, डी, द्वारा।

गीतांजलि भाग २
















गीतांजलि भाग २

गीताज्जली भाग २ के भजन भक्ति साधना में तल्लीन होकर गाये गए भजन है। भजन कुछ इस प्रकार है।

१ मेरा उद्दयेश हो प्रभु __ को तेरी

२ मानव तू अगर चाहे दुनिया को

३ साथ ले लो पिता, आगे बढ़ जाऊंगा

४ उस प्रभु की है कृपा बड़ी

५ इस जीवन की सुंदर कलिका

६ एक तेरी दया का दान मिले

७ आनंद स्त्रोत बह रहा पर तू उदास है

८ मुझे ऐसा बनो दो मेरे पिता

९ बातों ही बातों में बीती में उमरिया

१० जगत में चिंता मिति उन्ही की जो

परम पूज्य सुधान्शुजी महाराज

वंदना भाग २


वंदना भाग २

प्रार्थनामय भजन परम पूज्य सुधान्शु जी महारज के अमृत मय वाणी में। भक्ति साधना में तल्लीन होकर गाए गए भजन।

१ आए तेरे द्वार नमस्कार

२ गाये जा गाये जा

३ ईश्वर जो कुछ करता है

४ प्रभु को न याद किया

५ किसी के कम जो आए

६ न यह तेरा न यह मेरा

७ कर बंदगी और भजन

८ दाता तेरे शक्ति का सुख

९ उलझ मत दिल बहरों में

१० सरे जहा के मालिक

परम पूज्य सुधान्शुजी महाराज

वंदना भाग १


वंदना भाग १

१ डूबते को बचा लेने वाले

२ है ज्ञान रूप भगवान

३ ईश्वर तुम्ही दया करो

४ उठ नम सिमर, मत सोय रहो

५ शरण में ए है हम तुम्हारी

६ जागो रे जिन जगाना

७ एक झोली में फूल भरे है

वंदना १ भजन की सीडी संग्रहनीय है।

परम पूज्य शुधान्शुजी महाराज

भजन आडियो सीडी वरदान
















वरदान - Blessings

१ हे नाथ अब तो ऐसी दया हो
२ शरण में पड़ा तुम्हारे
३ भला करो भगवान सबका भला करो
४ राम का सिमरण किया करो
५ तेरी मेहरबानी का बोझ है इतना
६ हे जगतपिता। हे जगप्रभु।
७ नैया पड़ी मझधार
८ गुरु बिना कैसे लागे पार

वरदान ये प्रार्थनामय भाजोंं की ऐसे आडियो सीडी है, जो भक्ति साधना में आपको तल्लीन करे।
















भजन आडियो सीडी वरदान

Friday, September 4, 2009

धर्मदूत - Monthly Letter

धर्मदूत - Monthly Letter

धर्म एवं सामाजिक जग्रूती का अनुपम मासिक पत्र

विश्वविख्यात संत पूज्य सुधान्शुजी की अमृत वाणी हर महीने अपने घर मै पाईये।

जैसे जैसे हम संसार में उलज़ते हट है हमारी साडी शक्ति न जाने कहाँ खर्चा हो जाती है। उड़ान खत्म हो जाती है। और आदमी रोज उलाज़ा रहा है। मोह ममत के सूत इतने गहरे है की उनको तोड़ पाना, उनसे बहार निकलान आसान नही है।